पहले तो उन्होंने अपनी बेटी अनुपर्णा राय के फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने पर आपत्ति जताई थी। लेकिन आज, पश्चिम बंगाल के पास्चिम बर्द्धमान जिले के कुल्टी कस्बे में रहने वाले ब्रह्मानंद राय और उनकी पत्नी मनीषा खुद को “दुनिया के सबसे गर्वित माता-पिता” मान रहे हैं। रविवार को अनुपर्णा राय ने इतिहास रच दिया। 82वें वेनिस फिल्म फेस्टिवल के ओरिज़ोंती सेक्शन में अपनी फिल्म ‘सॉंग्स ऑफ़ फ़ॉरगॉटन ट्रीज़’ के लिए उन्हें बेस्ट डायरेक्टर अवॉर्ड मिला – और वो इस पुरस्कार को जीतने वाली पहली भारतीय महिला निर्देशक बन गईं। तब से लेकर अब तक, उनके माता-पिता के फोन बधाई संदेशों और कॉल्स से भरे हुए हैं। ब्रह्मानंद ने बताया, “शुरुआत में हमें बहुत चिंता हुई थी। हमने आपत्ति की थी कि वो फिल्म लाइन में काम करे। हम तो फिल्म इंडस्ट्री को जानते भी नहीं थे। वो बार-बार नौकरी बदलती थी और अपनी पूरी सैलरी फिल्म बनाने में लगा देती थी – हम डर गए थे।” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “हम तो उसका मजाक भी उड़ाते थे – कह देते थे, ‘तू सच में सत्यजीत राय बनेगी क्या?’ लेकिन वो कहती थी कि मैं राय तो नहीं बनूँगी, पर फिल्म बनाना नही...
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